सावन का महीना हिन्दू धर्म में बहुत ही विशेष होता है। इस दौरान भक्त भगवान शिव की पूजा करते हैं और उपवासी रहते हैं। उपवासी रहने के कारण उन्हें हल्का और पौष्टिक आहार चाहिए होता है, ताकि शरीर को ऊर्जा मिलती रहे। ऐसे में खसखस (पoppy seeds) की खीर एक बेहतरीन विकल्प साबित हो सकती है। यह न सिर्फ स्वाद में लाजवाब है, बल्कि शरीर को आवश्यक पोषण भी प्रदान करती है।
खसखस की खीर बनाने की विधि:
सामग्री:
- खसखस (पoppy seeds) – 2 बड़े चम्मच
- दूध – 1 कप
- चीनी – 2-3 बड़े चम्मच (स्वाद अनुसार)
- घी – 1 छोटा चम्मच
- इलायची पाउडर – 1/4 छोटा चम्मच
- बादाम और पिस्ता (कटे हुए) – 1 बड़ा चम्मच (सजावट के लिए)
- पानी – 1/2 कप
- रोज़ वॉटर (optional) – 1/2 छोटा चम्मच
विधि:
- सबसे पहले खसखस को अच्छे से धोकर आधे घंटे के लिए पानी में भिगोने के लिए छोड़ दें। यह खसखस को नरम बनाने में मदद करेगा।
- अब एक कढ़ाई में 1/2 कप पानी और खसखस डालकर मध्यम आंच पर पकाएं। इसे अच्छी तरह से पकने दें, जब तक खसखस पूरी तरह से नरम न हो जाएं और मिश्रण गाढ़ा न हो जाए।
- अब इसमें 1 कप दूध डालें और अच्छे से मिला लें। मिश्रण को तब तक पकने दें, जब तक यह थोड़ा गाढ़ा न हो जाए।
- फिर इसमें चीनी डालें और अच्छे से मिला लें, ताकि चीनी पूरी तरह से घुल जाए।
- अब इलायची पाउडर डालें और फिर से मिला लें। इससे खीर को एक सुंदर खुशबू मिलेगी।
- अंत में घी डालकर खीर को कुछ और मिनट पकने दें। जब खीर पूरी तरह से तैयार हो जाए, तो गैस बंद कर दें।
- सजावट के लिए कटे हुए बादाम और पिस्ता डालें।
- चाहें तो, खीर को ठंडा करके भी खा सकते हैं। अगर आपको ज्यादा स्वाद चाहिए तो गुलाब जल भी डाल सकते हैं।
सावन में खसखस की खीर के फायदे:
- खसखस में प्रोटीन, फाइबर और कई आवश्यक विटामिन्स पाए जाते हैं, जो शरीर को ताजगी और ऊर्जा प्रदान करते हैं।
- यह खीर हल्की और पौष्टिक होने के कारण उपवास के दौरान एक बेहतरीन आहार है।
- इलायची और बादाम के साथ यह खीर पाचन को भी अच्छा बनाती है और शरीर को ठंडक पहुंचाती है।
निष्कर्ष: सावन के महीने में जब आपको फलाहार की आवश्यकता हो, तो खसखस की खीर एक बेहतरीन विकल्प है। यह स्वादिष्ट, पोषक तत्वों से भरपूर और पाचन के लिए भी फायदेमंद है। तो अगली बार जब आप उपवासी हों, तो इस स्वादिष्ट खसखस की खीर का आनंद जरूर लें।