ब्रेस्ट कैंसर (स्तन कैंसर) महिलाओं में होने वाली एक गंभीर बीमारी है, जो आमतौर पर बढ़ती उम्र के साथ जुड़ी होती है। हालांकि, उम्र के अलावा भी कुछ अन्य कारण हैं जिनकी वजह से स्तन कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। यह जानना और समझना ज़रूरी है ताकि महिलाएं अपनी सेहत का ख्याल रख सकें और समय रहते इस बीमारी के लक्षणों का पता लगा सकें। आइए जानते हैं ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम को बढ़ाने वाले कारणों के बारे में, जैसे कि डॉक्टर बताते हैं।
1. जेनेटिक की भूमिका (Genetics)
किसी महिला में यदि उसकी परिवार में किसी अन्य महिला को ब्रेस्ट कैंसर हुआ है, तो उसे भी इस बीमारी का खतरा बढ़ सकता है। खासकर यदि परिवार में मां, बहन या दादी को ब्रेस्ट कैंसर हो चुका है। इसके अलावा, कुछ खास जीन जैसे BRCA1 और BRCA2 में होने वाली म्यूटेशन (परिवर्तन) का भी इस रोग के जोखिम से संबंध है। ये जीन स्तन कैंसर के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
2. हार्मोनल असंतुलन (Hormonal Imbalance)
महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन भी ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है। खासकर यदि महिला ने अपनी मासिक धर्म (menstruation) शुरू होने के समय में बहुत कम उम्र (12 साल से पहले) या रजोनिवृत्ति (menopause) के बाद बहुत देर में (55 साल के बाद) की हो, तो हार्मोनल असंतुलन का खतरा बढ़ सकता है। ऐसे मामलों में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे हार्मोन लंबे समय तक शरीर में सक्रिय रहते हैं, जो स्तन के ऊतकों को प्रभावित कर सकते हैं।
3. जन्म नियंत्रण गोलियां (Birth Control Pills)
कई महिलाओं द्वारा लंबे समय तक जन्म नियंत्रण गोलियों का सेवन भी ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है। इनमें कुछ हार्मोन होते हैं जो शरीर में असंतुलन पैदा कर सकते हैं। यदि किसी महिला को परिवार में ब्रेस्ट कैंसर का इतिहास है, तो उन्हें इन गोलियों का सेवन करने से पहले डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।
4. शारीरिक गतिविधि का अभाव (Lack of Physical Activity)
वर्तमान समय में शारीरिक सक्रियता की कमी और बैठने की जीवनशैली (sedentary lifestyle) भी ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को बढ़ाती है। जो महिलाएं नियमित रूप से व्यायाम नहीं करतीं, उनके शरीर में वसा की अधिकता होती है, जो हार्मोन के असंतुलन को जन्म देती है। यह कैंसर कोशिकाओं के विकास को बढ़ावा दे सकता है।
5. अत्यधिक शराब का सेवन (Excessive Alcohol Consumption)
अत्यधिक शराब का सेवन भी ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम को बढ़ाता है। शराब के सेवन से एस्ट्रोजन का स्तर बढ़ सकता है, जो स्तन के टिशू को प्रभावित कर सकता है। डॉक्टरों का कहना है कि अगर किसी महिला को शराब का सेवन करना ही है, तो उसे इसे सीमित मात्रा में रखना चाहिए।
6. वजन का अत्यधिक बढ़ना (Excess Weight)
जो महिलाएं अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त होती हैं, उन्हें भी ब्रेस्ट कैंसर का अधिक खतरा हो सकता है। मोटापे से एस्ट्रोजन का स्तर बढ़ जाता है, जो स्तन कैंसर को बढ़ावा दे सकता है। इसलिए महिलाओं को अपनी शारीरिक स्थिति का ध्यान रखना चाहिए और उचित आहार और व्यायाम के माध्यम से वजन नियंत्रित रखना चाहिए।
7. प्रेगनेंसी और स्तनपान (Pregnancy and Breastfeeding)
जो महिलाएं अपनी जिंदगी में कभी प्रेगनेंसी नहीं करतीं, या जिन्होंने बहुत देर से बच्चों को जन्म दिया है (35 साल से ऊपर), उन्हें ब्रेस्ट कैंसर का खतरा अधिक हो सकता है। इसके अलावा, स्तनपान (breastfeeding) से भी ब्रेस्ट कैंसर का खतरा कम हो सकता है, क्योंकि इससे स्तन के टिशू में बदलाव होते हैं जो कैंसर के विकास को रोकते हैं।
8. रासायनिक पदार्थों का संपर्क (Exposure to Chemicals)
कुछ रासायनिक पदार्थ जैसे कि ब्यूटी प्रोडक्ट्स में मौजूद पैराबेन्स, डाइटिंग और कैफीन से संबंधित रासायनिक प्रदूषण, ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को बढ़ा सकते हैं। डॉक्टरों का कहना है कि इन रासायनिक पदार्थों के शरीर पर लंबे समय तक प्रभाव से कैंसर कोशिकाओं का विकास हो सकता है।
निष्कर्ष:
ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ने के कई कारण हो सकते हैं। इस बीमारी से बचाव के लिए नियमित रूप से जांच (self-examination), व्यायाम, संतुलित आहार और स्वस्थ जीवनशैली को अपनाना ज़रूरी है। अगर किसी महिला को परिवार में ब्रेस्ट कैंसर का इतिहास है या अगर वह इन जोखिम कारकों से प्रभावित है, तो उसे डॉक्टर से नियमित परामर्श लेना चाहिए और समय पर स्क्रीनिंग करानी चाहिए।
स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता और समय पर उपचार इस बीमारी से बचने और सही समय पर इलाज करवाने में मदद कर सकता है।