वास्तु शास्त्र एक प्राचीन भारतीय विज्ञान है, जो हमारे घर और जीवन के बीच संतुलन और ऊर्जा के प्रवाह को समझने में मदद करता है। घर का केंद्र (जिसे “ब्रह्मस्थान” कहा जाता है) वास्तु शास्त्र में बेहद महत्वपूर्ण माना गया है, क्योंकि यह पूरे घर की ऊर्जा का केंद्र होता है। आइए जानते हैं कि वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के केंद्र में क्या होना चाहिए और इसका महत्व क्या है।
घर का केंद्र: ब्रह्मस्थान
वास्तु शास्त्र में घर का मध्य भाग, जिसे ब्रह्मस्थान कहा जाता है, बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह वह स्थान होता है जहाँ घर की सभी दीवारों का मिलन होता है। यह स्थान घर की सकारात्मक ऊर्जा का संग्रहण और वितरण करता है। इसलिए, इस स्थान को खाली और स्वच्छ रखना आवश्यक होता है।
क्या होना चाहिए ब्रह्मस्थान में?
- खाली और स्वच्छ स्थान
ब्रह्मस्थान को हमेशा साफ और खाली रखना चाहिए। यहाँ किसी भी भारी या अव्यवस्थित वस्तु का होना वास्तु दोष उत्पन्न कर सकता है। घर के केंद्र में अधिकतर भारी सामान जैसे फर्नीचर या शौचालय नहीं होना चाहिए। इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश हो सकता है, जो परिवार के स्वास्थ्य और समृद्धि पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है। - उज्जवल और हवादार
ब्रह्मस्थान को हमेशा उज्जवल और हवादार रखना चाहिए। यहाँ पर सूर्य की रोशनी और ताजे हवा का आना आवश्यक है। अगर इस स्थान पर रोशनी और हवा का प्रवाह ठीक नहीं है, तो यह नकारात्मक ऊर्जा का कारण बन सकता है। - पानी का तत्व
पानी का तत्व भी ब्रह्मस्थान में सकारात्मक ऊर्जा लाने के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। अगर पानी का कोई छोटा फव्वारा, पानी का पात्र या सजावटी तत्व इस स्थान पर रखा जाए, तो यह घर में शुभ ऊर्जा का संचार करता है। - पौधे और फूल
हरे पौधे या ताजे फूल इस स्थान पर रखें तो यह घर के वातावरण को शुद्ध करने में मदद करते हैं। खासतौर पर तुलसी का पौधा बहुत शुभ माना जाता है, और इसे घर के केंद्र में रखा जा सकता है।
क्या नहीं होना चाहिए ब्रह्मस्थान में?
- भारी और अव्यवस्थित वस्तुएं
ब्रह्मस्थान में भारी फर्नीचर, स्टोर या किचन जैसी वस्तुएं नहीं होनी चाहिए। इससे नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह हो सकता है और घर के सकारात्मक वातावरण में विघ्न डाल सकता है। - शौचालय या बाथरूम
घर के केंद्र में शौचालय या बाथरूम का होना वास्तु दोष उत्पन्न कर सकता है। इससे घर में आर्थिक और शारीरिक समस्याएँ आ सकती हैं। - अंधेरा और बंद स्थान
ब्रह्मस्थान में कोई अंधेरा या बंद स्थान नहीं होना चाहिए। अंधेरे और बंद स्थानों से नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जो घर के वातावरण को प्रभावित करता है।
निष्कर्ष
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर के केंद्र का स्थान अत्यधिक महत्वपूर्ण होता है। इसे हमेशा स्वच्छ, हल्का और उज्जवल रखना चाहिए। यदि ब्रह्मस्थान को ठीक से सजाया जाए और ध्यानपूर्वक रखा जाए, तो यह घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है और परिवार के सुख-शांति, समृद्धि और समग्र कल्याण में योगदान करता है।
इसलिए, घर के मध्य में किसी भी प्रकार की गलत वस्तु या व्यवस्था से बचना चाहिए, ताकि घर में खुशहाली और सकारात्मक ऊर्जा बनी रहे।