अगर आपको मौसम बदलने की वजह से सर्दी या खांसी हो रही है, तो डॉक्टर की सलाह पर बनी इस घरेलू दवा का इस्तेमाल करें। यह खांसी और जुकाम के लिए रामबाण इलाज है।
जब मौसम बदलता है, तो कई लोग सर्दी और खांसी से जूझते हैं। मौसम में होने वाले गंभीर बदलावों की वजह से हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमज़ोर हो जाती है, जिससे हमें मौसमी बीमारियों का खतरा रहता है। ओवर-द-काउंटर दवाओं की जगह भारतीय दादी-नानी के प्राचीन ज्ञान का इस्तेमाल क्यों न करें? पीढ़ियों से लोग प्राकृतिक सामग्री और आयुर्वेदिक आधारित घरेलू उपचारों पर निर्भर रहे हैं।
दादी-नानी के असरदार घरेलू उपाय:
हल्दी का दूध
सोने से पहले, हल्दी वाले दूध का एक गिलास गर्म करके पीने से रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है, गले की खराश कम होती है और संक्रमण से लड़ने में मदद मिलती है। बस एक गिलास गर्म दूध में आधा चम्मच हल्दी मिलाएं और इसे हर दिन पिएं।
अदरक और शहद का मिश्रण
अदरक को कुचलकर शहद के साथ मिलाकर एक बेहतरीन प्राकृतिक कफ निस्सारक बनाया जा सकता है। खांसी से राहत पाने के लिए, हर कुछ घंटों में एक चम्मच लें।
भाप लेना
उबलते पानी में कुछ बूंदें नीलगिरी के तेल या अजवाइन की डालकर भाप लें। इससे तुरंत आराम मिलता है और नाक बंद होने की समस्या से राहत मिलती है।
नमक के गर्म पानी से गरारे करें
नमक के गर्म पानी (आधा चम्मच नमक के साथ एक गिलास गुनगुना पानी) से गरारे करने से बैक्टीरिया के संक्रमण को कम करने और गले की खराश से राहत मिलती है।
दादी माँ का जादुई उपाय: काढ़ा (हर्बल काढ़ा)
सामग्री
- 2 कप पानी
- 1 इंच अदरक (कुटा हुआ)
- 5-6 तुलसी के पत्ते
- आधा चम्मच हल्दी पाउडर
- आधा चम्मच काली मिर्च पाउडर
- 1 छोटी दालचीनी
- 2-3 लौंग
- 1 चम्मच शहद
निर्देश
- एक सॉस पैन में 2 कप पानी उबालें।
- पानी में अदरक, तुलसी, हल्दी, काली मिर्च, दालचीनी और लौंग डालें।
- इसे 10-15 मिनट तक उबलने दें जब तक कि मात्रा आधी न हो जाए।
- काढ़े को एक कप में छान लें और थोड़ा ठंडा होने दें।
- इसमें शहद मिलाएं और गर्म-गर्म पिएं।
- सर्दी-खांसी से राहत के लिए दिन में दो बार पिएं!
भारतीय दादी-नानी लंबे समय से आम बीमारियों के इलाज के लिए प्रकृति के औषधीय गुणों का उपयोग करती रही हैं। सर्दी-खांसी से राहत देने के अलावा, ये उपचार प्राकृतिक रूप से रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं। यही कारण है कि अगली बार आप बीमार हो जाएँ तो दवा लेने से पहले इन प्राकृतिक उपचारों को आजमाएँ!