Wednesday, July 2, 2025
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पेपर डोसा: एक अद्भुत दक्षिण भारतीय व्यंजन

परिचय:

भारत में दक्षिण भारतीय खाने का एक अलग ही स्वाद और पहचान है। इनमें से एक लोकप्रिय और खास व्यंजन है “पेपर डोसा”। यह डोसा न केवल स्वाद में लाजवाब होता है, बल्कि इसका आकार और प्रस्तुति भी काफी आकर्षक होती है। पेपर डोसा अपने नाम के अनुसार आकार में पतला और क्रिस्पी होता है, जो देखने में एक बड़े आकार के कागज जैसा नजर आता है। इसे खासतौर पर नाश्ते में या शाम के समय खाया जाता है। यह व्यंजन दक्षिण भारत के अधिकांश हिस्सों में लोकप्रिय है, लेकिन अब यह देश के अन्य हिस्सों में भी अपनी पहचान बना चुका है।

पेपर डोसा की विशेषताएँ:

  1. आकार और बनावट: पेपर डोसा का आकार सामान्य डोसा से बहुत बड़ा और पतला होता है। यह बेहद कुरकुरा और क्रिस्पी होता है, जैसे कोई पतला पेपर। इसकी बनावट इतनी नाजुक होती है कि इसे तोड़ने में हल्का सा दबाव डालना होता है।
  2. स्वाद: पेपर डोसा का स्वाद भी अनोखा होता है। इसका खस्ता और हल्का स्वाद किसी भी मांसाहारी और शाकाहारी के लिए एक बेहतरीन विकल्प होता है। इसे तरह-तरह के चटनी और सांभर के साथ खाया जाता है, जो स्वाद को और भी बढ़ा देता है।
  3. बनाने की विधि: पेपर डोसा बनाने के लिए, सबसे पहले डोसा बैटर तैयार किया जाता है, जो चावल और उड़द दाल से बनता है। फिर इसे तवे पर फैलाया जाता है और धीमी आंच पर पकाया जाता है। इस दौरान इसे घी या तेल से कुरकुरा और गोल्डन ब्राउन होने तक पकाया जाता है। इसे बड़े आकार में फैलाया जाता है ताकि यह पेपर जैसा दिखे।
  4. साथ में क्या खाएं: पेपर डोसा को सांभर, नारियल की चटनी, टमाटर की चटनी, और हरी मिर्च की चटनी के साथ परोसा जाता है। इसके अलावा, कुछ लोग इसे आलू मसाला या अन्य तरह की फिलिंग के साथ भी पसंद करते हैं।

पेपर डोसा का इतिहास:

पेपर डोसा का जन्म दक्षिण भारत के तमिलनाडु राज्य से हुआ था। यह डोसा का एक विशेष प्रकार है, जिसे अधिकतर मद्रास (अब चेन्नई) में पाया जाता है। हालांकि, अब यह पूरे भारत में एक पसंदीदा व्यंजन बन चुका है और अधिकांश दक्षिण भारतीय रेस्टोरेंट्स में इसे विशेष रूप से मेनू में शामिल किया जाता है।

पेपर डोसा और स्वास्थ्य:

जहां पेपर डोसा का स्वाद लाजवाब है, वहीं यह पौष्टिक भी होता है। यह चावल और उड़द दाल से बनता है, जो प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट का अच्छा स्रोत है। हालांकि, इसे ज्यादा घी या तेल में पकाया जाता है, तो इसे सीमित मात्रा में ही खाना चाहिए, ताकि यह ज्यादा कैलोरी ना बढ़ाए।

निष्कर्ष:

पेपर डोसा न केवल एक स्वादिष्ट व्यंजन है, बल्कि यह भारतीय खाने की समृद्ध परंपरा को भी दर्शाता है। अगर आप दक्षिण भारतीय खाने के शौक़ीन हैं, तो पेपर डोसा को एक बार जरूर आज़माएं। इसकी खस्ता, स्वादिष्ट और खुशबूदार बनावट आपको एक अद्भुत अनुभव प्रदान करेगी।

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