गर्भावस्था के दौरान बच्चे की हरकतें एक मां के लिए बेहद खास और खुशी का पल होती हैं। यह न केवल बच्चे के विकास का संकेत देता है, बल्कि यह जानने में भी मदद करता है कि बच्चा स्वस्थ है या नहीं। हालांकि, हर मां के लिए यह अनुभव अलग हो सकता है और हरकतों की फ्रीक्वेंसी भी ट्राइमेस्टर के आधार पर बदलती रहती है। यहां जानें, विशेषज्ञों के अनुसार, गर्भावस्था के हर ट्राइमेस्टर में बच्चे की हरकतों को कब और कितनी बार महसूस करना चाहिए।
पहला ट्राइमेस्टर (0-13 सप्ताह)
गर्भावस्था के पहले ट्राइमेस्टर में बच्चा बहुत छोटा होता है और उसकी हरकतें इतनी हल्की होती हैं कि ज्यादातर महिलाएं इसे महसूस नहीं कर पातीं।
- हरकत महसूस करने का समय: आमतौर पर 16-22 सप्ताह के बीच पहली बार बच्चे की हरकतें महसूस होती हैं।
- सामान्य अनुभव: पहली बार इसे महसूस करने पर ऐसा लगेगा जैसे पेट में गुदगुदी हो रही हो या हल्की सरसराहट हो। इसे “क्विकनिंग” कहा जाता है।
दूसरा ट्राइमेस्टर (14-26 सप्ताह)
दूसरे ट्राइमेस्टर में बच्चा तेजी से विकसित होता है और उसकी हरकतें अधिक स्पष्ट और नियमित हो जाती हैं।
- हरकतों की फ्रीक्वेंसी: दिन में 5-10 बार हल्की-हल्की हरकतें महसूस हो सकती हैं।
- सामान्य अनुभव: 18-22 सप्ताह के बाद हरकतें अधिक स्पष्ट होती हैं। जैसे-जैसे गर्भ बढ़ता है, हरकतें मजबूत और पहचानने योग्य हो जाती हैं।
- ध्यान रखने योग्य बात: अगर लंबे समय तक हरकतें महसूस न हों, तो डॉक्टर से सलाह लें।
तीसरा ट्राइमेस्टर (27-40 सप्ताह)
गर्भावस्था के तीसरे ट्राइमेस्टर में बच्चा पूर्ण रूप से विकसित होने लगता है और उसकी हरकतें बहुत मजबूत हो जाती हैं।
- हरकतों की फ्रीक्वेंसी: दिन में 10-12 बार हरकतें महसूस होनी चाहिए।
- सामान्य अनुभव: कभी-कभी बच्चा लात मारता है, पलटता है या हिचकी लेता है।
- किक काउंट: तीसरे ट्राइमेस्टर में डॉक्टर नियमित रूप से “किक काउंट” करने की सलाह देते हैं।
- हर रोज एक निश्चित समय पर बच्चे की 10 हरकतें गिनें।
- यदि 2 घंटे में 10 हरकतें नहीं होतीं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
कब डॉक्टर से संपर्क करें?
- यदि लंबे समय तक बच्चे की हरकतें महसूस न हों।
- हरकतों की फ्रीक्वेंसी अचानक कम हो जाए।
- तेज दर्द के साथ हरकतें हों।
निष्कर्ष
बच्चे की हरकतें उसकी सेहत और विकास का संकेत देती हैं। हर मां के लिए यह अनुभव अलग हो सकता है, लेकिन अगर हरकतों में कोई असामान्यता लगे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है। अपने डॉक्टर की सलाह का पालन करें और नियमित जांच करवाएं ताकि आपकी गर्भावस्था स्वस्थ और सुरक्षित बनी रहे।