Friday, April 25, 2025
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गर्भावस्था के दौरान एनीमिया बहुत सामान्य है, जानिए कारण और विशेषज्ञों से निवारण विधि

गर्भावस्था महिलाओं के जीवन का एक महत्वपूर्ण और संवेदनशील समय होता है। इस दौरान शरीर में कई तरह के शारीरिक और हार्मोनल परिवर्तन होते हैं, जो महिला और भ्रूण दोनों के स्वास्थ्य पर असर डाल सकते हैं। गर्भावस्था के दौरान एनीमिया (रक्ताल्पता) एक आम समस्या है, जिससे महिलाओं को अक्सर थकान, कमजोरी, सिरदर्द और चक्कर आना जैसी समस्याएं होती हैं। एनीमिया तब होता है जब खून में लाल रक्त कणिकाओं की संख्या कम हो जाती है या हेमोग्लोबिन का स्तर गिर जाता है।

एनीमिया के कारण:

गर्भावस्था के दौरान एनीमिया होने के कई कारण हो सकते हैं:

  1. आयरन की कमी: गर्भवती महिला के शरीर में आयरन की आवश्यकता दोगुनी हो जाती है, क्योंकि आयरन का मुख्य काम रक्त में ऑक्सीजन का परिवहन करना है। यदि आहार में आयरन की कमी होती है तो एनीमिया का खतरा बढ़ जाता है।
  2. फोलिक एसिड की कमी: फोलिक एसिड का सही मात्रा में सेवन न होने पर भी एनीमिया हो सकता है। यह भ्रूण के विकास के लिए महत्वपूर्ण होता है और खून बनाने की प्रक्रिया में भी सहायक होता है।
  3. विटामिन B12 की कमी: विटामिन B12 की कमी से भी एनीमिया हो सकता है, जो खासतौर पर शाकाहारी आहार लेने वाली महिलाओं में पाया जाता है।
  4. किसी अन्य स्वास्थ्य समस्या का होना: यदि महिला को किसी प्रकार की बीमारी, जैसे थायरॉयड, डायरिया, या अन्य संक्रमण हो तो भी एनीमिया हो सकता है।
  5. खून की अत्यधिक हानि: गर्भावस्था में खून की अत्यधिक हानि, जैसे मिचली या उल्टी की समस्या से भी एनीमिया हो सकता है।

एनीमिया की पहचान:

गर्भावस्था में एनीमिया की पहचान आमतौर पर निम्नलिखित लक्षणों के माध्यम से की जा सकती है:

  • थकान और कमजोरी
  • चक्कर आना
  • सिरदर्द
  • त्वचा का रंग पीला पड़ना
  • सांसों में तकलीफ
  • दिल की धड़कन का तेज होना
  • हाथ-पैरों में सुन्नियत

निवारण के तरीके:

गर्भावस्था के दौरान एनीमिया से बचने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:

  1. संतुलित आहार: गर्भवती महिलाओं को आयरन, फोलिक एसिड और विटामिन B12 से भरपूर आहार लेना चाहिए। हरी पत्तेदार सब्जियाँ, दालें, अंजीर, किशमिश, संतरे, अंडे और मांसाहार आयरन और विटामिन B12 का अच्छा स्रोत होते हैं।
  2. आयरन सप्लीमेंट्स: डॉक्टर की सलाह पर आयरन और फोलिक एसिड की गोलियाँ ली जा सकती हैं, जो शरीर में इनकी कमी को पूरा करने में मदद करती हैं।
  3. विटामिन C का सेवन: विटामिन C आयरन के अवशोषण को बढ़ाता है, इसलिए संतरे, अमरूद, नींबू और टमाटर जैसे विटामिन C से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करें।
  4. विटामिन B12: शाकाहारी महिलाओं को विटामिन B12 की कमी के लिए सप्लीमेंट्स लेने की सलाह दी जाती है।
  5. स्वास्थ्य जांच: नियमित रूप से खून की जांच करवाना महत्वपूर्ण है ताकि एनीमिया की स्थिति का समय पर पता चल सके और उपचार किया जा सके।

निष्कर्ष:

गर्भावस्था के दौरान एनीमिया एक सामान्य समस्या है, लेकिन इसका सही समय पर उपचार और निवारण से महिला और भ्रूण दोनों का स्वास्थ्य ठीक रहता है। संतुलित आहार, सही आहार पूरक, और नियमित जांच से इस समस्या से बचा जा सकता है। अगर आपको गर्भावस्था में एनीमिया के लक्षण महसूस हों, तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें और सही उपचार करवाएं।

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