दही भारतीय खाने का एक अभिन्न हिस्सा है और आयुर्वेद में इसे अत्यधिक महत्व दिया गया है। दही न केवल स्वादिष्ट होता है, बल्कि यह हमारी सेहत के लिए भी कई लाभकारी गुणों से भरपूर है। हालांकि, दही का सेवन करने के कुछ खास आयुर्वेदिक नियम हैं, जिन्हें ध्यान में रखते हुए इसे खाया जाए तो इसके फायदे दोगुने हो जाते हैं। आइए जानते हैं दही खाने के आयुर्वेदिक नियमों के बारे में:
1. दही का समय
आयुर्वेद के अनुसार, दही का सेवन दिन में सही समय पर करना चाहिए। सबसे अच्छा समय दही खाने का दोपहर या शाम के समय है, जब शरीर का पाचन तंत्र सक्रिय रहता है। सुबह खाली पेट या रात के समय दही का सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे पाचन में समस्या हो सकती है।
2. दही को ठंडा न खाएं
दही को ठंडा या फ्रिज से निकालकर सीधे खाने से बचना चाहिए। ठंडी दही से पाचन में समस्या हो सकती है और शरीर में अधिक कफ (कफ दोष) उत्पन्न हो सकता है। आयुर्वेद में इसे ‘वात’ और ‘पित्त’ के दोषों के लिए भी नुकसानदायक माना गया है। इसलिए दही को कमरे के तापमान पर या हल्का गुनगुना करके ही खाएं।
3. दही के साथ मीठा न खाएं
दही के साथ मीठी चीजें जैसे चीनी, शहद आदि का सेवन करने से बचें। यह शरीर में असंतुलन पैदा कर सकता है। आयुर्वेद में यह कहा गया है कि दही का सेवन नमकीन और मसालेदार चीजों के साथ किया जाए, क्योंकि इससे दही के स्वास्थ्य लाभों में वृद्धि होती है और पाचन सही रहता है।
4. दही को अकेले न खाएं
दही को हमेशा अन्य पदार्थों के साथ संयोजन में खाएं। आयुर्वेद में यह सुझाव दिया जाता है कि दही को ताजे फल, सब्जियों या अनाज के साथ मिलाकर खाया जाए, जिससे उसका पाचन सही तरीके से हो सके और शरीर को अधिक पोषण मिल सके।
5. दही का सेवन अधिक न करें
दही का अधिक सेवन भी हानिकारक हो सकता है, खासकर रात में। अधिक दही खाने से शरीर में ‘कफ’ दोष बढ़ सकता है, जिससे अपच, श्वसन समस्याएं और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए दही का सेवन एक सीमा में करना चाहिए।
6. दही के साथ ताजे मसाले और हर्ब्स का उपयोग करें
दही में ताजे मसाले जैसे हल्दी, जीरा, अदरक आदि मिलाकर खाने से इसके पाचन गुण और भी अधिक बढ़ जाते हैं। ये मसाले दही के साथ मिलकर शरीर में ऊर्जा और ताजगी का संचार करते हैं।
7. दही को शाकाहारी भोजन के साथ खाएं
आयुर्वेद में यह कहा गया है कि दही को शाकाहारी भोजन के साथ खाया जाए। मांसाहारी भोजन के साथ दही का सेवन पाचन में कठिनाई पैदा कर सकता है और यह शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है।
8. दही को ताजे रूप में खाएं
दही का सेवन हमेशा ताजे रूप में करना चाहिए। पुराना या खट्टा दही सेहत के लिए फायदेमंद नहीं होता। यह पाचन में बाधा उत्पन्न कर सकता है और शरीर के विभिन्न अंगों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है।
निष्कर्ष:
आयुर्वेद में दही के सेवन से जुड़ी कई महत्वपूर्ण बातें बताई गई हैं। यदि आप इन आयुर्वेदिक नियमों का पालन करते हुए दही का सेवन करते हैं, तो आप इसका पूरा लाभ उठा सकते हैं। दही न केवल पाचन को सही करता है, बल्कि यह शरीर के इम्यून सिस्टम को भी मजबूत बनाता है। साथ ही, यह त्वचा को निखारने और बालों को स्वस्थ रखने में भी सहायक है।