चला जाना एक सरल और प्रभावी व्यायाम है, लेकिन इसके बारे में कई मिथक हैं जिन्हें हम सालों से सही मानते आए हैं। यह मिथक अक्सर हमारे चलने की आदतों और स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। आइए जानते हैं उन 6 मिथकों के बारे में जो हम अब तक चलने के बारे में मानते आए हैं और उन्हें सही करने के बारे में भी जानें।
1. “चलने से कैलोरी नहीं जलती”
यह मिथक बहुत आम है कि केवल चलने से कैलोरी नहीं जलती। वास्तव में, चलने से शरीर में कैलोरी की खपत होती है और यह एक अच्छा कार्डियोवस्कुलर व्यायाम है। अगर आप तेज़ चलने की कोशिश करेंगे या ज्यादा समय तक चलेंगे, तो यह आपके शरीर को कैलोरी जलाने में मदद करेगा।
2. “आपको हर बार दौड़ने की ज़रूरत है, नहीं तो फायदा नहीं होगा”
कुछ लोग मानते हैं कि फिटनेस केवल दौड़ने से ही प्राप्त होती है। लेकिन चलना भी शरीर को फिट रखने के लिए बहुत प्रभावी है। अगर आप नियमित रूप से चलते हैं, तो यह आपकी मांसपेशियों को मजबूत करने, दिल की सेहत को सुधारने और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है।
3. “सिर्फ गोल्फ या फुटबॉल जैसे खेलों में ही चलने का मतलब होता है”
कई लोग मानते हैं कि केवल खेलों में चलने का ही कोई मतलब होता है, लेकिन यह गलत है। आप चलने को किसी भी तरह से कर सकते हैं – पार्क में, ऑफिस से घर तक, या यहां तक कि शॉपिंग करते हुए भी। हर कदम आपके स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है, चाहे वह खेल में हो या साधारण दिनचर्या में।
4. “चलते वक्त जल्दी और लंबी चाल में चलना ही सबसे अच्छा है”
कुछ लोग यह मानते हैं कि चलने के दौरान ज्यादा तेज़ या लंबी चाल अपनानी चाहिए। हालांकि, तेज़ चलना निश्चित रूप से लाभकारी हो सकता है, लेकिन यह हर किसी के लिए नहीं होता। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आप नियमित रूप से चलें और अपनी गति को धीरे-धीरे बढ़ाएं, ताकि आप लंबे समय तक इसे कर सकें।
5. “चलने से जोड़ों में दर्द होता है”
बहुत से लोग यह मानते हैं कि चलने से जोड़ों में दर्द बढ़ सकता है, लेकिन सच यह है कि सही तरीके से चलने से यह दर्द कम भी हो सकता है। यदि आप आराम से चलते हैं और उचित जूते पहनते हैं, तो यह आपके जोड़ों पर अधिक दबाव नहीं डालेगा, बल्कि आपकी मांसपेशियों को भी मजबूत करेगा।
6. “महिलाओं को सिर्फ पैदल चलने की आदत डालनी चाहिए, जबकि पुरुषों को दौड़ने की सलाह दी जाती है”
यह धारणा भी गलत है। दोनों, महिलाएं और पुरुष, चलने से स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर सकते हैं। किसी भी प्रकार के शारीरिक व्यायाम के लिए जेंडर का कोई फर्क नहीं पड़ता। चलने से शरीर की मांसपेशियों को संतुलित बनाए रखने में मदद मिलती है, और यह हर किसी के लिए फायदेमंद है।
निष्कर्ष:
चलना एक सरल और प्रभावी व्यायाम है, जिसे हम किसी भी समय और कहीं भी कर सकते हैं। हमें इन मिथकों से बाहर निकलकर चलने को अपनी जीवनशैली का हिस्सा बनाना चाहिए। यह न केवल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाता है।