हिंदू धर्म में देवी सरस्वती ज्ञान, संगीत, कला, और विद्या की देवी मानी जाती हैं। हर व्यक्ति अपने जीवन में सफलता और समृद्धि के लिए देवी सरस्वती की पूजा करता है। लेकिन पूजा करने के दौरान कुछ खास बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है, जैसे कि देवी की मूर्ति को किस दिशा में रखना चाहिए। यह दिशा न केवल पूजा के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि इससे संबंधित वास्तु शास्त्र भी इसे शुभ मानते हैं।
1. देवी सरस्वती की मूर्ति रखने की शुभ दिशा
वास्तु शास्त्र के अनुसार देवी सरस्वती की मूर्ति को उत्तर, पश्चिम और उत्तर-पूर्व दिशा में रखना सबसे शुभ माना जाता है। इन दिशाओं को खासतौर पर विद्या और ज्ञान की दिशा के रूप में माना जाता है, इसलिए देवी सरस्वती की मूर्ति इन दिशाओं में रखने से जीवन में विद्या और सफलता का वास होता है।
- उत्तर दिशा: उत्तर दिशा को धन, समृद्धि और शिक्षा का प्रतिनिधित्व माना जाता है। देवी सरस्वती की मूर्ति को उत्तर दिशा में रखना व्यक्ति के जीवन में ज्ञान, बुद्धि और शिक्षा के क्षेत्र में प्रगति को सुनिश्चित करता है।
- उत्तर-पूर्व दिशा: यह दिशा बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है, और इसे ‘ईशान’ दिशा भी कहा जाता है। यह दिशा वास्तु शास्त्र के अनुसार सर्वोत्तम मानी जाती है, खासतौर पर मंदिर या पूजा स्थान के लिए। यहाँ देवी सरस्वती की मूर्ति रखने से मानसिक शांति, ज्ञान की प्राप्ति और सही दिशा में सोचने की शक्ति मिलती है।
- पश्चिम दिशा: पश्चिम दिशा भी देवी सरस्वती की मूर्ति रखने के लिए उपयुक्त मानी जाती है। इसे घर या ऑफिस के पूजा स्थल में रखने से मानसिक विकास, सफलता और समृद्धि के रास्ते खुलते हैं।
2. मूर्ति की स्थिति और कोण
देवी सरस्वती की मूर्ति को हमेशा सही कोण पर रखना चाहिए। मूर्ति का मुंह हमेशा उपयुक्त दिशा की ओर होना चाहिए। जैसे यदि मूर्ति उत्तर दिशा में रखी है, तो मूर्ति का मुंह भी उत्तर की ओर होना चाहिए। इसके अलावा, देवी की मूर्ति को शुद्ध स्थान पर रखें और वहाँ साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।
3. कुछ सावधानियाँ
- देवी सरस्वती की मूर्ति को कभी भी बाथरूम या शौचालय के पास नहीं रखना चाहिए।
- मूर्ति को ऐसे स्थान पर रखें जहां ध्यान केंद्रित किया जा सके और पूजा सही तरीके से की जा सके।
- मूर्ति को ऊँचे स्थान पर रखें, ताकि देवी की पूजा करते समय आप खड़े होकर उनका सम्मान कर सकें।
निष्कर्ष
देवी सरस्वती की मूर्ति को सही दिशा में रखना न केवल वास्तु के अनुसार शुभ है, बल्कि यह व्यक्ति के जीवन में ज्ञान, सफलता और समृद्धि लाने का एक प्रभावी तरीका भी है। इसलिए, देवी सरस्वती की मूर्ति को उत्तर, उत्तर-पूर्व या पश्चिम दिशा में रखने से जीवन में शांति और सफलता की प्राप्ति होती है।