गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को कई प्रकार की शारीरिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इनमें से एक आम समस्या जांघों और पेट के निचले हिस्से में दर्द है, जिसे ग्रोइन पेन (Groin Pain) कहा जाता है। यह दर्द अधिकतर दूसरे और तीसरे त्रैमासिक में महसूस होता है, लेकिन कुछ महिलाओं को पहले त्रैमासिक में भी इसका सामना हो सकता है।
ग्रोइन पेन क्यों होता है?
ग्रोइन पेन का मुख्य कारण गर्भवस्था के दौरान शरीर में होनेवाले शारीरिक परिवर्तनों से जुड़ा होता है। जैसे-जैसे गर्भावस्था बढ़ती है, गर्भाशय में फैलाव होता है, जिससे पेट और पीठ पर दबाव बढ़ता है। इस दबाव के कारण जांघों और पेल्विक एरिया (हड्डियों और मांसपेशियों के बीच) में तनाव बढ़ जाता है, जिससे दर्द होता है। इसके अलावा, हार्मोनल बदलावों के कारण मांसपेशियां और लिगामेंट्स (स्नायुबंधन) ढीले हो जाते हैं, जिससे जोड़ और हड्डियों में असंतुलन पैदा हो सकता है।
ग्रोइन पेन को कम करने के उपाय
- आराम करना और आराम से सोना: गर्भवती महिला को पर्याप्त आराम की आवश्यकता होती है। दिनभर की हलचल के बाद आराम करना और सोते समय विशेष रूप से बाईं ओर करवट लेकर सोना फायदेमंद होता है। इस स्थिति में रक्त संचार बेहतर होता है और दर्द कम होता है।
- स्ट्रेचिंग और हल्की एक्सरसाइज: हल्की स्ट्रेचिंग और योगासन जैसे कि ताड़ासन, सवासन या हल्का स्क्वाट करना दर्द को कम करने में मदद कर सकता है। हालांकि, गर्भवस्था के दौरान किसी भी प्रकार की एक्सरसाइज करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।
- गर्म पानी से सिकाई: गुनगुने पानी से सिकाई करने से मांसपेशियों में तनाव कम होता है और आराम मिलता है। आप तौलिया को गुनगुने पानी में डुबोकर दर्द वाले क्षेत्र पर रख सकती हैं।
- सही मुद्रा का पालन करें: सही मुद्रा में बैठना और चलना बेहद जरूरी है। झुककर न बैठें और न ही अत्यधिक वजन उठाएं। इसके अलावा, अधिक समय तक खड़े रहने से भी बचें।
- समय-समय पर हलका मालिश: अगर दर्द बहुत अधिक हो, तो हल्के हाथों से जांघों और पेट के निचले हिस्से की मालिश करने से आराम मिल सकता है। आप नारियल तेल या किसी अन्य तेल का उपयोग कर सकती हैं।
- पैरों को ऊंचा रखना: जब आप बैठी हों, तो अपने पैरों को ऊंचा रखने की कोशिश करें। इससे रक्त संचार में सुधार होगा और दर्द में राहत मिलेगी।
- उचित आहार: गर्भवस्था के दौरान सही पोषण का ध्यान रखें। कैल्शियम और मैग्नीशियम से भरपूर आहार लेने से हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूती मिलती है, जिससे दर्द में कमी आ सकती है।
निष्कर्ष
गर्भावस्था में जांघों और पेट के निचले हिस्से में दर्द सामान्य है, लेकिन यह महिलाओं के लिए असहज हो सकता है। उचित आराम, स्ट्रेचिंग, और जीवनशैली में बदलाव से इस दर्द को कम किया जा सकता है। यदि दर्द अधिक बढ़ जाए या गंभीर महसूस हो, तो डॉक्टर से संपर्क करना आवश्यक है।