Saturday, July 5, 2025
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8 गलतफहमियां जो हर नई मां को स्तनपान के बारे में होती हैं

स्तनपान नवजात शिशु के लिए सर्वोत्तम पोषण स्रोत है, और यह बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। हालांकि, भारत जैसे देशों में कई नई माताओं के मन में स्तनपान के बारे में बहुत सारी भ्रांतियां होती हैं। यहां हम कुछ सामान्य गलत धारणाओं को प्रस्तुत कर रहे हैं जिन्हें कई नई मांएं मान लेती हैं:

1. स्तनपान के दौरान दूध की कमी होती है

यह एक बहुत सामान्य गलतफहमी है। असल में, मां का शरीर बच्चे की मांग के अनुसार दूध का उत्पादन करता है। यदि बच्चा अधिक दूध पीता है, तो शरीर उतना ही अधिक दूध बनाने लगता है। केवल जब मां को सही जानकारी और प्रोत्साहन मिलता है, तो वह दूध उत्पादन को बेहतर बना सकती है।

2. केवल पहले कुछ दिनों तक ही स्तनपान करना ठीक है

कुछ महिलाएं यह मानती हैं कि स्तनपान केवल पहले कुछ दिनों में ही किया जाना चाहिए और फिर उसे छोड़ देना चाहिए। यह गलत है। स्तनपान को जितना लंबा किया जाता है, बच्चे के लिए उतना ही अच्छा होता है। डब्ल्यूएचओ (WHO) के अनुसार, 6 महीने तक केवल स्तनपान करना सबसे अच्छा है, और इसके बाद भी 2 साल तक जारी रखा जा सकता है।

3. स्तनपान से स्तनों का आकार छोटा हो सकता है

यह भ्रांति भी बहुत आम है कि स्तनपान से स्तनों का आकार घट जाता है। हालांकि, स्तनपान के दौरान स्तनों में आकार में बदलाव हो सकता है, लेकिन इससे स्थायी रूप से आकार में कमी नहीं होती। वास्तविकता में, स्तनपान से स्तनों का स्वास्थ्य और आकार बेहतर बना रह सकता है, बशर्ते स्तनपान सही तरीके से किया जाए।

4. शिशु को स्तनपान कराने से मां का शरीर कमजोर हो जाता है

यह एक और गलतफहमी है। स्तनपान के दौरान मां के शरीर को सही पोषण की आवश्यकता होती है, और यदि सही आहार लिया जाए, तो यह स्तनपान को बढ़ावा देता है। स्तनपान करने से शरीर में ऑक्सीटोसिन हार्मोन का उत्पादन होता है, जो मां को मानसिक शांति और ऊर्जा प्रदान करता है।

5. सिर्फ़ स्तनपान से शिशु को पर्याप्त पोषण नहीं मिलता

यह मानना गलत है कि केवल स्तनपान से शिशु को पर्याप्त पोषण नहीं मिल सकता। स्तन का दूध शिशु के लिए सम्पूर्ण पोषण स्रोत है, जो शिशु की बढ़ती आवश्यकताओं को पूरा करता है। शुरुआती छह महीने तक केवल स्तनपान ही सबसे अच्छा तरीका है।

6. स्तनपान से डाइट में बदलाव नहीं करना चाहिए

कई महिलाएं मानती हैं कि स्तनपान के दौरान उन्हें अपनी डाइट में कोई बदलाव नहीं करना चाहिए। हालांकि, यह महत्वपूर्ण है कि स्तनपान करने वाली मां अपनी डाइट में पौष्टिक और संतुलित आहार शामिल करें। इसके साथ ही पानी की अच्छी मात्रा पीना भी जरूरी है ताकि दूध का उत्पादन सही ढंग से हो सके।

7. स्तनपान के दौरान डिप्रेशन होना सामान्य है

यह एक बहुत ही खतरनाक भ्रांति है। हालांकि, स्तनपान के दौरान कुछ महिलाएं थकान या उदासी महसूस कर सकती हैं, लेकिन अगर यह भावनात्मक स्थिति लंबे समय तक बनी रहती है, तो यह postpartum depression (बच्चे के जन्म के बाद अवसाद) का संकेत हो सकता है। ऐसी स्थिति में तुरंत चिकित्सक से संपर्क करना जरूरी है।

8. स्तनपान से शिशु को पेट में गैस हो सकती है

यह सच नहीं है कि स्तनपान से शिशु को पेट में गैस हो जाती है। असल में, स्तनपान से शिशु का पाचन तंत्र मजबूत होता है। यदि शिशु को गैस की समस्या हो रही है, तो यह अन्य कारणों से हो सकता है, जैसे कि शिशु का अधिक हवा निगलना या भोजन का तरीका।

8 गलतफहमियां जो हर नई मां को स्तनपान के बारे में होती हैं
Image: pinterest

निष्कर्ष

स्तनपान के बारे में बहुत सी भ्रांतियां हैं जो नई मांओं को भ्रमित करती हैं। सही जानकारी और मार्गदर्शन के साथ, मां और शिशु दोनों का स्वास्थ्य बेहतर हो सकता है। नई मांओं को चाहिए कि वे विशेषज्ञों से सलाह लें और स्तनपान को लेकर विश्वास और आत्म-विश्वास बढ़ाएं।

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