शिशु की देखभाल हर माता-पिता के लिए बहुत महत्वपूर्ण होती है। एक स्वस्थ और खुशहाल शिशु के लिए सही पोषण, आराम और देखभाल का ध्यान रखना जरूरी है। इनमें से एक महत्वपूर्ण कदम है शिशु की मालिश। बहुत से माता-पिता अपने शिशु को सरसों के तेल से मालिश करते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह कितना फायदेमंद और सही है? आइए, विशेषज्ञों से जानते हैं इसके फायदे, नुकसान और सही तरीके के बारे में।
सरसों के तेल से मालिश के फायदे
- त्वचा की नमी बनाए रखना
सरसों का तेल शिशु की नाजुक त्वचा को नमी प्रदान करता है। यह त्वचा को मुलायम और लचीला बनाए रखने में मदद करता है, जिससे ड्रायनेस और खुजली जैसी समस्याओं से बचाव होता है। - रक्त संचार में सुधार
सरसों का तेल मालिश करते समय शिशु के शरीर में रक्त संचार बेहतर होता है। यह शरीर के अंगों को मजबूत बनाने और विकास में मदद करता है। - हड्डियों को मजबूत बनाना
इसमें मौजूद कैल्शियम, जिंक और मैग्नीशियम जैसे तत्व हड्डियों की मजबूती के लिए फायदेमंद होते हैं। यह शिशु के विकास में मदद करता है और उनकी हड्डियों को मजबूत बनाता है। - स्मृति और मस्तिष्क का विकास
सरसों के तेल की मालिश से मस्तिष्क का विकास भी होता है। यह शिशु के तंत्रिका तंत्र को उत्तेजित करता है और मानसिक विकास में मदद करता है। - निंद्रा में सुधार
सरसों का तेल शिशु को शांत करने में मदद करता है। रात में मालिश करने से शिशु गहरी और शांत निंद्रा लेता है, जो विकास के लिए जरूरी है।
सरसों के तेल से मालिश के नुकसान
- अलर्जी और त्वचा की जलन
कुछ शिशुओं की त्वचा अत्यधिक संवेदनशील होती है। ऐसे में सरसों का तेल लगाने से जलन, लालिमा या दाने हो सकते हैं। इससे पहले कि आप शिशु पर तेल लगाएं, एक छोटे से हिस्से पर इसका परीक्षण जरूर करें। - गर्माहट की समस्या
सरसों का तेल गर्म होता है और यह कुछ शिशुओं के लिए ज्यादा गर्म हो सकता है। इसके कारण शरीर में अधिक गर्मी उत्पन्न हो सकती है, जो शिशु के लिए असुविधाजनक हो सकती है। - मालिश का अधिक समय लेना
कुछ शिशु ज्यादा देर तक मालिश पसंद नहीं करते। यदि बहुत देर तक मालिश की जाती है, तो इससे शिशु को असहज महसूस हो सकता है।
सरसों के तेल से मालिश करने का सही तरीका
- कम मात्रा में तेल का प्रयोग करें
आपको शिशु की त्वचा पर बहुत ज्यादा तेल नहीं लगाना चाहिए। एक हल्के हाथ से तेल लगाएं और धीरे-धीरे मालिश करें। - हलके हाथों से मालिश करें
शिशु की त्वचा बहुत नाजुक होती है, इसलिए मालिश करते समय हल्के हाथों से ही इसे करें। ज्यादा दबाव से शिशु को तकलीफ हो सकती है। - तेल को पहले गर्म कर लें
तेल को थोड़ा गर्म कर लें, लेकिन बहुत ज्यादा नहीं। गर्म तेल से मालिश करने से शिशु को आराम मिलता है और त्वचा में नमी बनी रहती है। - समय का ध्यान रखें
मालिश का समय 10-15 मिनट से ज्यादा नहीं होना चाहिए। ज्यादा देर तक मालिश करने से शिशु को असहज महसूस हो सकता है। - शिशु की प्रतिक्रिया पर ध्यान दें
मालिश करते समय शिशु की प्रतिक्रिया पर ध्यान दें। यदि वह असहज महसूस कर रहा हो, तो तुरंत मालिश बंद कर दें।

निष्कर्ष
सरसों के तेल से शिशु की मालिश के कई फायदे हो सकते हैं, लेकिन यह जरूरी है कि इसे सही तरीके से किया जाए। हर शिशु की त्वचा और शारीरिक स्थिति अलग होती है, इसलिए इसे लागू करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना हमेशा अच्छा होता है। ध्यान रखें कि शिशु की त्वचा को नाजुकता से संभालें और उसकी प्रतिक्रिया पर नजर रखें।