आजकल बच्चों में दिल के दौरे की खबरें बढ़ती जा रही हैं, और यह चिंता का विषय बन गया है। पहले जहां दिल के दौरे को वयस्कों और बुजुर्गों तक सीमित माना जाता था, वहीं अब यह समस्या बच्चों में भी देखने को मिल रही है। विशेषज्ञों के अनुसार इसके पीछे कई कारण हैं, जिनका सही समय पर पता लगाना और उनकी रोकथाम करना बेहद आवश्यक है।
1. बढ़ती हुई मानसिक तनाव
स्कूल जाने वाले बच्चों पर अकसर पढ़ाई का दबाव होता है। लगातार बढ़ते हुए प्रतिस्पर्धा, परीक्षा के तनाव, और सोशल मीडिया पर सक्रियता ने बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर डाला है। मानसिक तनाव का प्रभाव शारीरिक स्वास्थ्य पर भी पड़ता है, और यह दिल की बीमारियों का कारण बन सकता है।
2. अनहेल्दी खानपान
आजकल के बच्चे बहुत सारे जंक फूड्स और शुगरयुक्त पेय पदार्थों का सेवन करते हैं। यह खराब आहार न केवल बच्चों के वजन को बढ़ाता है, बल्कि दिल से जुड़ी बीमारियों का भी कारण बन सकता है। मोटापा, हाई ब्लड शुगर और उच्च रक्तचाप जैसी समस्याएं दिल के दौरे का कारण बन सकती हैं।
3. कम शारीरिक सक्रियता
बच्चों में शारीरिक गतिविधियों की कमी भी एक बड़ा कारण बन रही है। मोबाइल, वीडियो गेम्स, और टीवी के कारण बच्चों की शारीरिक गतिविधियों में कमी आ गई है। इससे उनका शरीर कमजोर होता है और दिल के दौरे का खतरा बढ़ जाता है। नियमित व्यायाम और खेल-कूद से दिल मजबूत रहता है।
4. धूम्रपान और नशीली दवाइयों का सेवन
कुछ बच्चे दोस्तों के दबाव में धूम्रपान और अन्य नशीली दवाइयों का सेवन करते हैं, जिससे दिल पर बुरा असर पड़ता है। यह आदतें बच्चों में दिल के दौरे के जोखिम को काफी बढ़ा देती हैं।
5. जीन और आनुवंशिक कारण
कुछ बच्चों में दिल से संबंधित समस्याएं आनुवंशिक होती हैं। अगर परिवार में किसी को पहले दिल की बीमारी हो चुकी है, तो बच्चों को भी इसका खतरा हो सकता है। इस स्थिति में समय पर मेडिकल चेकअप और ध्यान रखना जरूरी होता है।
6. अनियंत्रित वजन और मोटापा
बच्चों में बढ़ते हुए वजन और मोटापे का कारण गलत खानपान, अत्यधिक स्क्रीन टाइम और कम शारीरिक गतिविधियां होती हैं। मोटापा दिल की बीमारियों का प्रमुख कारण बन सकता है, जिससे बच्चों में दिल का दौरा आने का खतरा बढ़ जाता है।
विशेषज्ञों के सुझाव
- स्वस्थ आहार का पालन करें: बच्चों को संतुलित आहार दें, जिसमें फल, सब्जियां, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट्स शामिल हों। जंक फूड और शुगर युक्त ड्रिंक्स से बचाएं।
- शारीरिक गतिविधियां बढ़ाएं: बच्चों को खेलों और अन्य शारीरिक गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रेरित करें। यह उनके दिल और शरीर को मजबूत बनाता है।
- मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान दें: बच्चों की मानसिक स्थिति पर भी ध्यान देना आवश्यक है। जरूरत पड़ने पर काउंसलिंग या साइकोलॉजिकल सपोर्ट की मदद लें।
- नियमित स्वास्थ्य जांच: बच्चों का नियमित स्वास्थ्य परीक्षण कराना जरूरी है, ताकि किसी भी समस्या का पता समय रहते चल सके।
निष्कर्ष
बच्चों में दिल के दौरे की घटनाएं बढ़ रही हैं, लेकिन इनसे बचाव संभव है। सही आहार, शारीरिक गतिविधियों, मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान और समय पर जांच से बच्चों को स्वस्थ और सुरक्षित रखा जा सकता है। माता-पिता, स्कूल और समाज को मिलकर बच्चों के दिल की सुरक्षा के लिए जागरूकता फैलानी होगी, ताकि भविष्य में इस समस्या का समाधान किया जा सके।