सर्दी का मौसम अस्थमा रोगियों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है, क्योंकि ठंडे मौसम में श्वास नलिकाएं संकुचित हो जाती हैं और वातावरण में प्रदूषण भी बढ़ सकता है। ऐसे में अस्थमा के रोगी अक्सर दवाओं के अलावा अन्य प्राकृतिक उपायों की तलाश करते हैं, जो उन्हें राहत दे सकें। एक ऐसी अद्भुत मुद्रा है, जिसे करने से अस्थमा के रोगियों को श्वास संबंधित समस्याओं में आराम मिल सकता है।
यह मुद्रा “प्राण मुद्रा” के नाम से जानी जाती है, और यह विशेष रूप से सर्दी में अस्थमा के रोगियों के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है।
प्राण मुद्रा क्या है?
प्राण मुद्रा एक योगिक अभ्यास है, जिसमें खास प्रकार की अंगुलियों की स्थिति को ध्यान में रखते हुए श्वास पर नियंत्रण रखा जाता है। इस मुद्रा को करने से श्वास नलिकाओं की संकुचन को कम किया जा सकता है और फेफड़ों में ऑक्सीजन की आपूर्ति बेहतर हो सकती है।
प्राण मुद्रा करने की विधि:
- सबसे पहले, आरामदायक स्थिति में बैठें। ध्यान रखें कि आपकी पीठ सीधी हो और शरीर का वजन समान रूप से बैठने पर हो।
- दोनों हाथों को घुटनों पर रखें और अपनी अंगुलियों का ध्यान रखें।
- अब, अपनी अंगूठे और अनामिका (तर्जनी) अंगुली को एक साथ जोड़ें। बाकी की तीन अंगुलियों को खुला छोड़ दें।
- गहरी और धीमी श्वास लें और छाती में शांति का अनुभव करें।
- इस मुद्रा को कम से कम 15-20 मिनट तक रोजाना करें, और बेहतर परिणाम के लिए इसे दिन में दो बार करें।
प्राण मुद्रा से मिलने वाले लाभ:
- सांस की समस्या में राहत: प्राण मुद्रा अस्थमा के रोगियों को श्वास नलिकाओं में से बंधन को दूर करने में मदद करती है, जिससे श्वास में सहजता आती है।
- ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाना: यह मुद्रा फेफड़ों में ऑक्सीजन का स्तर बढ़ाती है, जिससे शरीर को बेहतर ऊर्जा मिलती है।
- तनाव कम करना: योग मुद्राएं मानसिक शांति और संतुलन बनाने में मदद करती हैं, जो अस्थमा के रोगियों के लिए खासतौर पर फायदेमंद हो सकती है।
- इन्फ्लेमेशन कम करना: प्राण मुद्रा सूजन को कम करने में मदद करती है, जिससे अस्थमा के लक्षणों में सुधार हो सकता है।
निष्कर्ष:
सर्दियों के मौसम में अस्थमा के रोगियों के लिए प्राण मुद्रा एक कारगर उपाय हो सकती है। हालांकि, इसे करने से पहले किसी योग विशेषज्ञ या डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है, खासकर अगर रोगी किसी विशेष इलाज पर हैं। इस मुद्रा का नियमित अभ्यास श्वास संबंधी समस्याओं को कम करने में मदद कर सकता है और सामान्य जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बना सकता है।